कोरोना वायरस: स्कूलों में मिड डे मील बांटने की प्रक्रिया को डीसी करेंगे पूरा

हिमाचल में इकोरोना वायरस से बचाव के लिए बंद हुए सरकारी स्कूलों के बच्चों को छुट्टियां का मिड डे मील देने की व्यवस्था अब जिला उपायुक्त करेंगे। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने सभी उपनिदेशकों को इस बाबत उपायुक्तों से चर्चा करने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश में 31 मार्च तक हुए लॉकडाउन के चलते अभी तक मिड डे मील का राशन और कुकिंग कास्ट नहीं दी जा सकी है। इसके चलते  निदेशक रोहित जमवाल ने पत्र जारी कर जिला अधिकारियों को संबंधित उपायुक्तों के समक्ष यह मामला उठाने को कहा है।


केंद्र सरकार के निर्देशानुसार अभिभावकों को एक-एक कर स्कूलों में बुलाकर राशन और कुकिंग कास्ट का पैसा दिया जाना है। पहली से पांचवीं कक्षा तक 4.48 रुपये और छठी से आठवीं कक्षा तक 6.71 रुपये की दर से प्रति बच्चे को प्रतिदिन के हिसाब से कुकिंग कास्ट का भुगतान भी होगा। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक रोहित जमवाल ने बताया कि नियम के मुताबिक सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को मिड डे मील देना अनिवार्य है।

यह बच्चों का अधिकार भी है। ऐसे मेें केंद्र सरकार के निर्देशानुसार प्रदेश सरकार ने बंद हुए स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को उनके कोटे का राशन देने का फैसला लिया है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक ने बताया कि अभिभावकों को राशन का कोटा लेने के लिए इस प्रकार बुलाया जाए कि स्कूलों में भीड़ एकत्र न हो। उन्होंने बताया कि पहली से पांचवीं कक्षा तक के बच्चों को प्रति दिन सौ ग्राम चावल और छठी से आठवीं कक्षा के बच्चों को प्रतिदिन 150 ग्राम चावल के हिसाब से राशन कोटा मुहैया करवाया जाएगा। अभिभावकों को दिए जाने वाले राशन की डिटेल भी स्कूलों में शिक्षकों को बनानी होगी। ब्लाक प्रारंभिक अधिकारी को आवंटित किए गए राशन की जानकारी भी नियमित आधार पर उपलब्ध करवानी होगी।